अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)

सामान्य जानकारी

अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स (एआरएचसी) प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत एक उप-योजना है।

अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्पलेक्स (एआरएचसी) का तात्पर्य ईडब्ल्यूएस/ एलआईजी श्रेणियों के शहरी प्रवासियों/ गरीबों के लिए एक सूचीबद्ध परियोजना जिसमें न्यूनतम 40 आवासीय इकाइयां (डीयू) और डॉरमेट्री के मिश्रण के साथ बुनियादी नागरिक सुविधाएं जैसे पानी, सफाई, सीवर/ सेप्टेज, सड़क, बिजली तथा आवश्यक सामाजिक/ वाणिज्यिक सुविधाओं का प्रावधान हो।

एक आवासीय इकाई के तहत 30 वर्गमीटर तक का एक शयनकक्ष/ 60 वर्गमीटर तक के दो शयनकक्ष के साथ बैठक कक्ष, रसोईघर, शौचालय एवं स्नानघर और 10 वर्गमीटर तक के डॉरमेट्री बेड (सभी का माप कारपेट एरिया में) शामिल होंगे। 2 बेडरूम, लिविंग रूम, रसोई, शौचालय और बाथरूम के साथ एक परियोजना में अधिकतम एक तिहाई इकाइ (33%) की अनुमति है। इच्छुक एजेंसियां/ संस्थाएँ आवासीय इकाईयों/ डॉरमेट्रीयों का प्रस्ताव निम्नानुसार कर सकती हैं:

आवासीय इकाई का प्रकार कारपेट क्षेत्र(वर्गमीटर) इकाई संरचना एआरएचसी के तहत अनुपात
एकल शयनकक्ष 30 तक 1 शयनकक्ष, बैठक कक्ष, रसोईघर, स्नानघर, शौचालय आदि जिसमें सामान रखने की पर्याप्त जगह हो जैसे टांड (लोफ्ट) और अलमारी। डीयू और डॉरमेट्री बेड का अनुपात परियोजना की आवश्यकता के अनुसार भिन्न हो सकता है।
डॉरमेट्री 10 तक अलग बिस्तर, साइड टेबल, ताक़, लॉकर, रसोईघर, शौचालय की सामान्य सुविधाएं आदि जिसमें सामान रखने की पर्याप्त जगह हो जैसे टांड (लोफ्ट) और अलमारी।
दो शयनकक्ष 60 तक 2 शयनकक्ष, बैठक कक्ष, रसोईघर, स्नानघर, शौचालय आदि जिसमें सामान रखने की पर्याप्त जगह हो जैसे टांड (लोफ्ट) और अलमारी । परियोजना में कुल डीयू की एक तिहाई (33%) एआरएचसी के रूप में अनुमत है।

कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप देश के कामगार/ गरीब अपने घर वापस लौट गए हैं । यह प्रवासी अधिक किराए से बचने के लिए आम तौर पर झुग्गी-झोपड़ी, अनौपचारिक/ अनाधिकृत कॉलोनियों या शहरों के आसपास बने क्षेत्रों में रहते हैं । वे स्वामित्व के आवास में रुचि नहीं लेते हैं और आम तौर पर सस्ते किराये के विकल्प की तलाश करते हैं। एआरएचसी का उद्देश्य शहरी प्रवासियों/ गरीबों के जीवन यापन को बेहतर बनाना है ताकि उन्हें किफायती किराए के आवास उनके काम करने की जगह के पास सभी बुनियादी सुविधाएं के साथ उपलब्ध हो सकें।

यह योजना सभी सांविधिक नगरों और अधिसूचित नगरों, अधिसूचित नियोजन क्षेत्रों एवं विकास क्षेत्रों/ विशेष क्षेत्र विकास/ औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के क्षेत्रों में क्रियान्वित की जाएगी।

एआरएचसी के तहत परियोजना प्रस्तावों पर मार्च 2022 तक विचार की जाएगी ।

  1. शहरी प्रवासियों/ गरीबों के लिए किफायती किराये के आवास का निर्माण करके आत्मनिर्भर भारत के विज़न को पूरा करने को प्रयासरत।
  2. उनके कार्यस्थल के पास आवश्यक नागरिक सुविधाओं के साथ गरिमामय जीवन प्रदान करने के लिए।
  3. किराये के आवास में निवेश का लाभ उठाने के लिए सार्वजनिक/ निजी संस्थाओं के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाना।

एआरएचसी के रूप में संचालन के प्रारम्भ की दिनांक से परियोजना की अवधि 25 वर्ष है।

एआरएचसी को दो मॉडलों के माध्यम से लागू किया जाएगा:

  1. मॉडल-1: सरकार द्वारा वित्तपोषित मौजूदा रिक्त आवासों को सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत एआरएचसी में परिवर्तित करके उपयोग करना।
  2. मॉडल-2: निजी/ सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा उनकी खाली भूमि पर एआरएचसी का निर्माण, संचालन और रखरखाव।

एआरएचसी के लिए शहरी प्रवासियों का तात्पर्य है ईडब्ल्यूएस/ एलआईजी श्रेणी का एक व्यक्ति या समूह/ परिवार, जो रोजगार के अवसरों की तलाश/ शिक्षा/ स्वास्थ्य सम्बन्धी आगमन आदि के लिए अस्थायी रूप से या स्थायी रूप से अपने गांव/ कस्बों से दूसरे शहरों/ कस्बों में स्थानांतरित करने का सचेत निर्णय लेते हैं। इनमें श्रमिक, शहरी गरीब पथ विक्रेता, रिक्शा चालक और अन्य सेवा प्रदाता, बाजार/ व्यापार संघों, शैक्षणिक/ स्वास्थ्य संस्थाओं, आथित्य क्षेत्र में काम करने वाले प्रवासी सहित औद्योगिक कामगार, दीर्घकालिक पर्यटक/ आगंतुक, विद्यार्थी या अन्य श्रेणी के प्रवासी शामिल हो सकते हैं।

एआरएचसी को निजी और सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा कंसेसनियनर/ संस्थाप के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा।

केंद्र/ राज्य सरकारों/ केंद्र शासित प्रदेशों/ पैरास्टैटल्स/ निजी संस्थाओं की विभिन्न योजनाओं के तहत निर्मित रिक्त आवासों को एआरएचसी में परिवर्तित किया जा सकता है।

आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई एआरएचसी की स्कीम दिशानिर्देश जो तकनीकी और प्रचालनात्मक विवरण देती हैं, वह एआरएचसी वेबसाइट: www.arhc.mohua.gov.in पर उपलब्ध है।

एआरएचसी का पता और परियोजनावार विवरण सहित निवासीयों के विवरण एआरएचसी की वेबसाइट www.arhc.mohua.gov.in पर उपलब्ध होंगे और जानकारी को समय-समय पर अपडेट करने की ज़िम्मेदारी राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश/ नगरीय निकाय/ पैरास्टेटल/ कंसेसनियनर/ संस्थाड की होंगी।

एआरएचसी की निगरानी संबंधित राज्यों/ नगरीय निकाय द्वारा की जाएगी।

एआरएचसी का मध्यावधि मूल्यांकन संबंधित राज्यों/ आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा एक स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से किया जाएगा।

नगरीय निकाय द्वारा एआरएचसी का प्रमाणन एक स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से किया जाएगा।